शनिवार, 12 नवंबर 2011

रेनेसां पेंटिंग जैसी पर बेजान: तरसेम सिंह की इममॉर्टल

फिल्म: इममॉर्टल
निर्देशक: तरसेम सिंह धंडवर
कास्ट: हैनरी केविल, मिकी राउर्की, ल्यूक इवॉन्स, फ्रेडा पिंटो, स्टीफन डॉर्फ, जॉन हर्ट
स्टार: दो, 2.0

सुकरात की लाइन 'आत्मा सबकी अमर होती हैं, पर जो सदचरित्र होते हैं उनकी आत्माएं देवीय हो जाती हैं' से डायरेक्टर तरसेम सिंह अपनी फिल्म का आधार बनाते हैं। इंडिया मूल के हैं और अलग फिल्में बनाते हैं। न समझ आने वाले संकेतों, अब्सट्रैक्ट किरदारों और आर्टिस्टिक से फ्रेम वाली। समझना हो तो उनकी 2006 में आई फिल्म 'द फॉल' देख लीजिए। फिल्म जबरर्दस्त थी, पर आम दर्शकों की समझ से परे। खैर, जैसा उन्होंने खुद कहा था, ये फिल्म रेनेसां काल की पेंटिंग जैसी लगती है, पर इसी से दर्शक के लिए फिल्म के टाइम और कहानी को समझना कठिन होता जाता है। अगर कहूं तो इससे ज्यादा स्पष्ट फिल्म '300' थी। इस फिल्म में सबसे मजबूत पहलू है विलेन बने मिकी राउर्की, जो 'आइरन मैन 2' में वैंको के रोल में रेसट्रैक पर इलैक्ट्रिक चाबुक से कारों को पपीते की तरह काटते नजर आते हैं। 'इममॉर्टल्स' में अगर ये विलेन मजबूत है तो हीरो हैनरी कमजोर। एक तो फिल्म के स्क्रीनप्ले और डायलॉग्स में जान नहीं है और दूसरा लड़ाई वाले सीन छोड़ दें तो हैनरी की एक्टिंग में गुस्सा और इंटेंसिटी नहीं है। जिसने भी ड्रेस और सेट डिजाइन किए हैं वो बहुत बड़ा कामचोर रहा होगा। फिल्म को हम इंडिया में फ्रेडा पिंटो के एंगल से कनेक्ट कर रहे हैं, पर उन्हें देखकर आप पक जाते हैं। आपको किसी स्कूली स्टेज प्ले की रिहर्सल भी शायद इस फिल्म से बेहतर मिलेगी। रही-सही कसर थ्रीडी का अतिरिक्त अंधेरा पूरा कर देता है। काश, जैसे उम्दा कुछ बेरहमी के सीन है, उतनी ही पूरी फिल्म भी हो पाती। माइथोलॉजिकल फिल्मों को फॉलो करने वाले एक बार देख सकते हैं, बाकी न देखें तो अच्छा होगा।

इममॉर्टल होने की कहानी
ग्रीक माइथॉलजी में कहीं हजारों साल पहले की बात है। किंग हाइपरियॉन (मिकी राउर्की) ने मानवता के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। उसे उस धनुष की तलाश है जिसे युद्ध के देवता एरस ने बनाया था। धनुष मिलेगा तो वह टाइटन्स नाम के उन बर्बर लड़ाकों को कैद से आजाद करवा देगा जिन्हें देवताओं ने कैद कर दिया था। इनके आजाद होने पर हाइपरियॉन अजेय हो जाएगा। वहीं राज्य में थीसियस (हैनरी केविल) रहता है। गरीब, बहादुर, निडर। उसे बचपन से ही एक बुजुर्ग के वेश में रहने वाले देवता ज्यूस (जॉन हर्ट) ने तैयार किया है। पर ये थीसियस पर है कि वो मानवता की इस लड़ाई में नेतृत्व करना चाहता है कि नहीं। पर जब हाइपरियॉन उसकी आंखों के सामने उसकी मां का गला रेत देता है तो उसकी दिशा बदल जाती है। इस लड़ाई में उसके करीबी सहयोगी हैं भविष्यवाणी करने वाली ओरैकल पायेद्रा (फेडा पिंटो) और एक चोर स्टावरोस (स्टीफन ड्रॉफ)।

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गजेंद्र सिंह भाटी